ख्वाहिशों के इजहार की बेकरारी है अकेले में मुलाकात की बेकरारी है दूर रहकर जीना दुश्वार हो गया है सच कह रहा हूं मुझे इस कदर प्यार हो गया है
तुम्हें हमसफर बनाने का इरादा है रूह कहने लगी है तुम जिंदगी हो अब अकेले गुजर संभव नहीं है
जब मुलाकात होती है तेरे दीदार में खो जाता हूं हद से ज्यादा दिल को सुकून मिलता है जिंदगी नए जोश के साथ जीने का जुनून मिलता है
तुम्हारी मुस्कान से रोम-रोम खिल उठता है जिंदगी से सभी मुश्किलें दूर हो जाती है जब उम्र भर साथ निभाने के वादों पर खरा उतरती नजर आती हो